बेरोजगारी क्या है? Berojgari Ki Samasya से कैसे निपटा जाए?

Berojgari kya hai? Berojgari Kise Kahate hain? इस गरीबी (Garivi) व बेरोजगारी जैसी समस्या (Berojgari Ki Samasya) से कैसे निपटा जाए? इसके बारे में हम जानेंगे। वास्तव में बेरोजगारी की परिभाषा (Berojgari Ki Paribhasha) कुछ महान विचार को द्वारा, एवं कुछ ऐसे महत्त्वपूर्ण सुझाव जिनके द्वारा हम Berojgari Ki Samasya से निजात पा सकते हैं। चलिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें यह जानकारी बहुत ही उपयोगी होने वाली है तो चले स्टार्ट करते हैं।

Berojgari Ki Samasya
Berojgari Ki Samasya

बेरोजगारी क्या है?। Berojgari kya hai

सबसे पहले हम बेरोजगारी पर चर्चा करने वाले हैं कि बेरोजगारी किसे कहते हैं? (Berojgari Kise Kahate hain) बेरोजगारी क्या है? (Berojgari kya hai) इसके बारे में जानते हैं जैसे कि इसका सीधा और सरल आम भाषा में बेरोजगारी का मतलब (Meaning Of Unemployment) निकाले तो, लोगों के पास आए (Income) का कोई जरिया नहीं होना, अपनी अर्थव्यवस्था के साथ जूझना और काम और पैसों के लिए भटकना, यह एक आम भाषा में बेरोजगारी (Berojgari) कह सकते हैं। इसके अलावा कुछ विचार को ने बेरोजगारी की परिभाषा (Berojgari Ki Paribhasha) इस प्रकार से दी है इसे जानते हैं।

एक व्यक्ति को Berojgar तब माना जाता है। जब वह प्रचलित मजदूरी (Majduri) की दर पर काम करने के लिए तैयार या इच्छुक है, किन्तु उसे काम नहीं मिलता है। इस बात को इस प्रकार से भी कहा जा सकता है, किसी समाज में प्रचलित Majduri की दर पर काम करने के लिए इच्छुक एवं सक्षम व्यक्ति को कोई Work नहीं मिलता, तब ऐसे व्यक्ति को बेरोजगार तथा ऐसी समस्या को बेरोजगारी की समस्या (Berojgari Ki Samasya) कहते हैं।

बेरोजगारी का अर्थ क्या है?। Berojgari Ka Arth

Berojgari उस समय विद्यमान कहीं जाती है जब किसी व्यक्ति में कार्य (Work) करने की क्षमता, शारीरिक व मानसिक रूप से सक्षम व्यक्ति जो काम करने का इच्छुक है लेकिन उसे काम या Rojgar नहीं मिल पाता है। वह व्यक्ति वर्तमान Majduri Ret पर काम करने को तैयार है परन्तु उसे काम नहीं मिल पाता है। तो उसे Berojgari कहते है। बेरोजगारी (Berojgari) देश की एक आर्थिक तथा सामाजिक Samasya है। जिसके अन्तर्गत Working Population का कोई भी समूह कार्य करना चाहता है किन्तु उसे कार्य (Majduri) नहीं मिल पाता है।

Berojgari Kise Kahate hain?। बेरोजगारी किसे कहते

अब हम आपको बेरोजगारी किसे कहते (Berojgari Kise Kahate hain) हैं इसके बारे में कुछ लाइनें जानते हैं। जब देश (Desh) में कार्य करने वाली जनशक्ति (Majduri Karne Vaale) अधिक होती है और काम करने पर राजी भी होती है परंतु उन्हें प्रचलित मजदूरी दर (Uchit Ret) पर कार्य नहीं मिल पाता है तो इसी अवस्था को Berojgari Kahate है।

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बेरोजगारी की परिभाषा। Berojgari Ki Paribhasha

Raffin and Gregory के अनुसार Berojgari Ki Paribhasha: “एक बेरोजगार व्यक्ति (Unemployed Person) वह व्यक्ति है जो वर्तमान समय में काम नहीं कर रहा। जो सक्रिय ढंग से कार्य की तलाश में है। जो वर्तमान मजदूरी (Bartmaan Majduri) पर काम करने के लिए उपलब्ध है।” कार्य करने की इक्छा होते हुए ही अवसरों की कमी के कारण कार्य से वंचित व्यक्ति की आर्थिक सामाजिक (Economic Samasya) समस्या को बेरोजगारी कहते हैं।

अभी आपने ऊपर दी गई कंटेंट के माध्यम से बेरोजगारी की परिभाषा (Berojgari Ki Paribhasha) मतलब और अर्थ को समझा। बेरोजगारी के-के प्रकार, कारण और इस समस्या से कैसे निपटा जाए इसके बारे में अब हम आगे डिस्कस करने वाले हैं।

बेरोजगारी। Types of Berojgari

  1. शहरी बेरोजगारी (Urban Unemployment)
  2. ग्रामीण बेरोजगारी (Rural Unemployment)
  3. अदृश्य बेरोजगारी (Disguised Unemployment)
  4. मौसमी बेरोजगारी (Seasonal Unemployment)
  5. अदृश्य बेरोजगारी (Disguised Unemployment)

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Berojgari Ke Karan. बेरोजगारी के कारण

बेरोजगारी (Berojgari) जैसी इस गम्भीर समस्या (Samasya) के अनेक कारण हैं। बड़े पैमाने पर मशीनों का अंधाधुंध प्रयोग Berojgari का एक प्रमुख कारण है। इनके कारण मनुष्य के श्रम (Majduri Karne) की आवश्यकता बहुत कम हो गई है। इसके अलावा हमारी जनसंख्या में तेजी से वृद्धि (Increase In Population) हो रही है। जनसंख्या की वृद्धि के अनुपात से उत्पादन के कामी तथा रोजगार (Majduri) के अवसरों में कम वृद्धि होती है। इसलिए लोगों के बीच Berojgari Ki Samasya लगातार बढती जा रही है। अब हम बेरोजगारी के कुछ कारणों को (कुछ महत्त्वपूर्ण बिंदुओं) को जानते हैं।

बेरोजगारी के महत्त्वपूर्ण कारण निम्न है:

1-शिक्षा व्यवस्था में कमी (Lack Of Education)
2-जनसँख्या में तीव्र वृद्धि (Increase In Population)
3-आर्थिक समृद्धि दर का निम्न होना (Falling Economic Rate)
4-बचत और निवेश का निम्न होना (Lack Of Savings)
5-कृषि आधारित उद्योगों का अभाव (Lack Of Agricultural Industries)
6-लघु और कुटीर उद्योगों का ख़त्म होना (Closure Of Small Scale Industries)
7-नागरिकों में कौशल एवं तकनीकी ज्ञान का अभाव (Lack Of Technical Knowledge)
8-अपर्याप्त रोजगार योजनाएँ (Inadequate Employment Schemes)
9-स्वरोजगार की इक्छा का अभाव (Lack Of Self-Employment)
10-परंपरागत उद्योगों का नष्ट होना (Destruction Of Industries)
12-कृषि का सम्बंध मौसमी व्यवस्था से होना (Agriculture Seasonal)

बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के उपाय। Berojgari Ki Samasya

Bharat की गरीबी (GARIVI) का एक मुख्य कारण देश में फैली बेरोजगारी है। यह देश की एक बड़ी (Berojgari Ki Samasya) समस्या है, जो शहरो (Urban) और गांवो (Rural) में समान रूप से व्याप्त है। यह एक सामाजिक-आर्थिक समस्या (Socio-Economic Problem) है, जो आधुनिक युग की देन है। हमारे देश में Berojgari Ki Samasya बड़ा गम्भीर रूप धारण कर लिया है। इसके कारण देश में शान्ति और व्यवस्था को खतरा पैदा हो गया है। अत: इस Berojgari Ki Samasya के तत्काल निदान की आवश्यकता है।

Berojgari दूर करने के उपाय:

बेरोजगारी (Berojgari) दूर करने के दीर्घगामी उपाय के रूप में हमें जनसख्या वृद्धि (Population Growth) पर अकुश लगाना पड़ेगा। तात्कालिक Berojgari दूर करने के उपाय के रूप में लोगों को निजी व्यवसायो में लगने के प्रशिक्षण की व्यवस्था करके उन्हे धन उपलब्ध कराना चाहिए, ताकि नौकरियो (Naukariyo) की तलाश कम हो सके। गांवो (Rural) में बेरोजगारी की समस्या (Berojgari Ki Samasya) को दूर करने के लिए कुटीर उद्योग-धंधों को बढ़ावा देना चाहिए।

Berojgari दूर करने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण सुविधाओ की व्यवस्था की जानी चाहिए, तथा समय पर कच्चा माल उपलका कराया जाना चाहिए, सरकार (Govt.) को उचित मूल्य पर तैयार माल खरीदने (Kharidne) की गांरटी देनी चाहिए। यह काम सहकारी सस्थाओं के द्वारा आसानी से कराया जा सकता है। बेरोजगारी (Berojgari) दूर करने के दीर्घगामी उपाय के रूप में हमे अपनी Education System में आमूल-चूल परिवर्तन करना पड़ेगा। हमें तकनीशियनों (Technicians) और हाथ का काम करने वालों की आवश्यकता है।

बेरोजगारी दूर करने के लिए सुझाव। Berojgari Dur Karne Ke Liye

बेरोजगारी जैसी समस्या से निजात पाने के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण सुझाव जानते हैं Rojgar के अवसरों को बढ़ाने के लिए निम्न सुझाव:

1-श्रम की उत्पादकता एवं कुशलता में सुधार करना ।
2-कृषि एवं औद्योगिक सेवा क्षेत्र को बढ़ाने का प्रयास करना।
3-लघु और कुटीर उद्योगों के विकास को बढ़ावा देना।
4-पूँजी निर्माण की दर में वृद्धि एवं पूँजी उत्पाद अनुपात में कमी।
5-कौशल विकास हेतु कार्यक्रम चलाये जाने चाहिए.
6-उत्पादन के संसाधनों एवं आवश्यकताओं के अनुसार होनी।
7-तकनीक के स्थान पर श्रम तकनीक का प्रयोग करना।
8-रोजगार के कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

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निष्कर्ष

आपने ऊपर दिए गए कंटेंट के माध्यम से बेरोजगारी क्या (Berojgari Kya) है बेरोजगारी की समस्या (Berojgari Ki Samasya) से कैसे निपटा जा सकता है? कैसे हम एक आर्थिक तंगी से दूर हो सकते हैं? तथा देश में किस प्रकार से रोजगार (Rojgar) के सुनहरे अवसरों को बढ़ावा दे सकते हैं। या सरकार इस पर प्रयास कर सकती है। आदि तमाम जानकारी को पढ़ा। आशा है आप को ऊपर दी गई जानकारी जरूर अच्छी लगी होगी। अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें, आपकी कामयाबी ही हमारा उद्देश्य ।धन्यवाद

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